5 Lesson of Lord Parshuram
भगवान विष्णु के छठे अवतार, सबसे बड़े शिवभक्त।
दरअसल, वैदिक काल में व्यक्ति को उसके कर्मों के आधार पर ही किसी वर्ण विशेष में शामिल किया जाता था। उसी तरह भगवान परशुराम का जन्म ब्राह्मण कुल में जरूर हुआ था लेकिन वे कर्म से क्षत्रिय थे। ठीक उसी तरह जैसे विश्वकर्मा जन्म से क्षत्रिय होने के बावजूद कर्म से ब्राह्मण माने गए,
जो गुण सिखाये उन्होंने -
1- वे पुरुषों के लिये आजीवन एक पत्नीव्रत के पक्षधर थे 2- शस्त्रविद्या के महान गुरु थे। उन्होंने भीष्म, द्रोण व कर्ण को शस्त्रविद्या प्रदान की थी।
3- भगवान परशुराम शस्त्र विद्या के श्रेष्ठ जानकार थे। परशुराम केरल के मार्शल आर्ट कलरीपायट्टु की उत्तरी शैली वदक्कन कलरी के संस्थापक आचार्य एवं आदि गुरु हैं
5- माता पिता भक्त परशुराम
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with Avinash Pathak